देवघर। उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर तंबाकू नियंत्रण कोषांग देवघर एवं सीड्स झारखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने पूर्व बैठक में लिये गये निर्णय व किये जा रहे अनुपालनों की विस्तृत समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। साथ हीं बैठक के माध्यम से उपायुक्त ने सभी से अपील करते हुए कहा कि हमलोगों को अपने जिले को पूर्ण रूप से तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करने की आवश्यकता है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
इसके अलावे बैठक के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सरकारी कार्यालयों के अलावा स्वास्थ्य संस्थान, सरकारी व गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थान आदि इलाकों को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किये जाने के बाद इसे कड़ाई से लागू करने के लिए कार्य करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों दिया। साथ हीं एक्ट के प्रावधानों को कड़ाई के साथ लागू करने के लिए जिले के सभी इलाकों में सघन जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया।
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बैठक के दौरान उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को तंबाकू नियंत्रण कानूनों की जानकारी देते हुए बताया गया कि धारा 4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने पर 200 रुपए तक का जुर्माना करने का प्रावधान है। धारा 5 के अंतर्गत तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध है। धारा 6 (अ) के अनुसार अवयस्कों को तंबाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध है। धारा धारा 6 (ब) के अनुसार शैक्षणिक संस्थाओं के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध है। धारा 7 के अनुसार सभी तंबाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य संबंधी विर्नीदिष्ट चेतावनी अनिवार्य रूप से अंकित होना प्रावधानित है। ऐसे में आवश्यक है कि नियमों का अनुपालन कड़ाई से जिले में लागू किया जा सके।
तम्बाकू व धुम्रपान के उपयोग को रोकने के उद्देश्य से चलाया जायेगा विशेष अभियानः उपायुक्त
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि जिले में जागरूकता अभियान के साथ गठित टीम द्वारा तम्बाकू व धुम्रपान के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए नियमों का उल्लंघन करने वालों से दण्ड की राशि वसूली की जायेगी। इस हेतु भोलेनाथ के दूतों की टीम का उपयोग किया जायेगा, जो कि गठित टीम के दण्डाधिकारियों व पुलिस कर्मियों के साथ उपस्थित रहेंगे। अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को तम्बाकू व धुम्रपान के उपयोग से होने वाले नुकसानों से अवगत कराया जायेगा।
साथ हीं आवश्यक दण्ड की राशि भी उपस्थित दण्डाधिकारियों से उपरोक्त व्यक्ति से वसूली जायेगी। इसके अलावे प्रशिक्षण के दौरान उपायुक्त ने बताया कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वालों की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। साथ हीं धूम्रपान के कारण रोग-प्रतिरोधी क्षमता के क्षरण से भी इसके संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
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कार्यशाला के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने तम्बाकू उत्पादों के प्रयोग को पूर्ण रूप को रोकने के उद्देश्य से संबंधित अधिकारियों एवं सभी प्रखण्डों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी व सभी थाना के प्रभारी को निदेशित किया है कि कोटपा-2003 के अनुपालन हेतु छापेमारी दलों द्वारा उपरोक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए किये जाने वाले कार्रवाई से उपायुक्त कार्यालय को सूचित करें। साथ हीं उपरोक्त आदेश के उल्लंघन की स्थिति में भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188, 288, 269, 270 सहित अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत विधि सम्मत कार्रवाई करें। इसके अलावे उपायुक्त ने सभी कार्यालय प्रधान व संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया है कि सभी सरकारी/गैर सरकारी व सार्वजनिक स्थलों पर परिसरों में धूम्रपान निषेध से संबंधित जागरूकता व सूचना संबंधित बोर्ड लगवाने के निर्देश दिया है।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे अनुमंडल पदाधिकारी दिनेश कुमार यादव, सिविल सर्जन डॉ सीके शाही, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रवि रंजन, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, सीड्स के कार्यक्रम समन्वयक रिम्पल झा एवं संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी एवं ऑनलाइन माध्यम से संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।
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